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शासकीय अस्पताल पत्थलगांव में जमकर भ्रष्टाचार..लगातार शिकायत के बावजूद कार्यवाही नहीं..जांच टीम सवालों के घेरे में.. शिकायतकर्ताओं को सीएम दौरे का इंतजार




पत्थलगांव - शासकीय अस्पताल पत्थलगांव में इन दिनों जमकर भ्रष्टाचार चल रहा है जनता और शासन के पैसों का जमकर बंदरबांट किया जा रहा है पिछले दिनों अप्रैल माह में सीएम दौरे को लेकर हमर लैब का जीर्णोद्धार करवाया गया जिसमें भारी अनियमितता देखने को मिली। बिना निविदा टेंडर के,बिना निर्माण एजेंसी को काम दिए,सिर्फ कोटेशन बेस पर लाखों का काम करवा दिया गया जिसकी जानकारी भाजयुमो को लगते ही उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत अस्पताल प्रबंधन से जानकारी मांगी व साथ ही एक शिकायत पत्र कलेक्टर जशपुर के नाम अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पत्थलगांव को सौंपा गया जिस पर दिनांक 27.04.2022 को अनुविभागीय अधिकारी द्वारा तहसीलदार पत्थलगांव की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच टीम गठन की व 5 दिन के समय का हवाला देते हुए जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया।जांच टीम ने हॉस्पिटल पहुंचकर जांच तो की पर आज एक महीना बीत जाने के बावजूद जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की



 शिकायतकर्ता इसे लेकर जांच टीम पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर जांच के बावजूद जांच दल द्वारा अब तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत क्यो नहीं की गई है,जांच दल के सामने जब अस्पताल प्रबंधन से आवक जावक रजिस्टर की मांग की तब उन्होंने बताया की आवक रजिस्टर इस कार्यालय में बना ही नहीं है और जब जावक रजिस्टर उन्होंने दिखाया तो कहावत के साथ चोरी और सीनाजोरी देखने को मिली जावक रजिस्टर में 1143 नंबर कोटेशन जावक तो दर्शाया गया लेकिन पीछे की पूरी पंजी खाली थी जिसे उपस्थित जांच दल ने अपनी आंखों से देखा है यह कैसे हो सकता है पीछे के पेज खाली हो और आगे की पंजी भरी जाए जो कि भ्रष्टाचार का खुला प्रमाण है।



शिकायत कर्ताओं ने बताया कि पत्थलगांव सिविल अस्पताल में सीएम के आने को लेकर आनन-फानन में हमर लैब का जीर्णोद्धार कराया गया जिसमें सभी नियमों को दरकिनार कर सिर्फ फर्जी कोटेशन बेस पर यह कार्य हुआ प्लाई व फॉल सीलिंग के कार्य हेतु 5 दुकानदारों को विभाग द्वारा कोटेशन लेटर जारी किया गया लेकिन रिसीव देखने पर पता चला कि दुकानदारों के पास कोटेशन लेटर पहुंचा ही नहीं पता नहीं कोटेशन लेटर में रिसीव साइन किसने किए हैं 5 दुकानदारों में से 3 दुकानदारों का कोटेशन जमा हुआ जिसमें से 2 दुकानदार जिस सामानों का कोटेशन मंगाया गया उससे संबंध नहीं रखते हैं और अलग-अलग दुकानों के कोटेशन में 2 दुकानों का कोटेशन में राइटिंग भी एक ही है और तो और एक दुकानदार तो यह भी कहता है कि मेरा कोटेशन किसने जमा किया और कब किया यह मुझे जानकारी ही नहीं है यदि दुकानदार ने कोटेशन जमा नहीं किया तो सवाल यह उठता है कि उसका कोटेशन जमा कैसे हुआ जबकि उस दुकानदार के पास जीएसटी नंबर ही नहीं है तो यह भी ध्यान देना था कि बिना जीएसटी वाले दुकानदार कोटेशन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते हैं फिर भी उसका कोटेशन पास कर दिया गया जो कि साफ साफ भ्रष्टाचार व फर्जी कार्य को दर्शाता है।


शिकायत कर्ताओं का कहना है कि उनके द्वारा लगातार इस मामले से स्थानीय जिला प्रशासन को अवगत कराया गया है लेकिन एक महीना से ऊपर हो जाने के बावजूद अब तक किसी प्रकार की कार्यवाही ना होना संदेह को जन्म देता है उन्होंने कहा कि जल्द इस मामले में प्रबंधन पर कार्यवाही नहीं होगी तो सीएम दौरे पर उनसे शिकायतों का पुलिंदा सौंपकर कार्रवाई की मांग करेंगे और यदि सीएम भी कार्यवाही नहीं करेंगे तो शिकायतकर्ता उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नही हटेंगे।

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