कांसाबेल ग्राम पंचायत बीते 2 दो सालों से अस्त व्यस्त हैं,महिला सरपंच होने के कारण किसी भी काम का निरीक्षण ना के बराबर हो रहा हैं।सभी काम पंचायत के मुंशी के भरोसे चल रहा हैं,दो सालों में सचिव तीन बदल दिए गए हैं मगर पंचायत का हाल अभी भी जीरो का जीरो हैं। ग्राम पंचायत कांसाबेल का नया कारनामा आपके सामने हैं मिली जानकारी के अनुसार कांसाबेल शासकीय कन्या हाई स्कूल कांसाबेल विकास खण्ड कांसाबेल
जिला जशपुर छ.ग.में विकलांग बच्चों के लिए शौचालय निर्माण कार्य का प्रस्ताव और लागत में 80.000/- हजार रुपए की बड़ी रकम 02 साल पहले पास हो चुका था।जिसका काम कांसाबेल के सरपंच के द्वारा करवाया जा रहा हैं ।और छोटे से शौचालय निर्माण में भी जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जिस जगह पर शौचालय निर्माण किया गया है। इस जगह पर पहले से बगल में एक शौचालय बना हुआ है।उसके बगल में दीवाल और पीछे दीवाल पहले से मौजूद है।पहले बने शौचालय के टंकी के ऊपर ही सरपंच ने जगह चुना और दिवयांग शौचालय का निर्माण कार्य शुरू कर दिया आपको बता दें कि तीन तरफ पहले से पुराना दीवाल बना हुआ था जिसमे सामने तरफ दरवाजा लगा कर ऊपर सभी दीवाल को खोद छत ढाल दिया गयाहै।पहले से बना
टंकी में सीट बैठा कर घटिया सामग्री के साथ सबसे सस्ता टाइल्स लगा दिया गया है।और सामने रैंप के लिए लोहा का रेलिंग तो लगाया मगर रैंप नही बनाया गया है।बिना रैंप के दिव्यांग बच्चो को बाथरूम जाने में काफी परेशानी होगी।कुल मिलाकर यह बात सामने आई की इस शौचालय को बनाने में दिव्यांग बच्चो की भलाई नही अपनी कमाई को देखते हुए निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।इस तरह के घटिया और भ्रष्टाचार युक्त निर्माण कार्य में इंजीनियर और एसडीओ का भी पूरा समर्थन रहता है। क्योंकि उनको आफिस से बाहर आकर मूल्यांकन करने की जरूरत महसूस नहीं होती है।सरपंच सचिव ने बोल दिया काम हो गया तो मूल्यांकन तुरंत तैयार कर दिया जाता है।फिर फील्ड में काम हुआ हो या नहीं उनका कोई मां बाप नही,अगर ऐसा नहीं है तो इस शौचालय का निर्माण इस तरह से कैसे हो रहा है? इसका जवाब शायद कोई न दे पाए,